Monday, December 30, 2019

राजस्थान: कोटा के अस्पताल में एक महीने में 77 बच्चों की मौत

देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का केस अब लगभग पूरा होने वाला है. इन चारों पर गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.'' इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और ए.एस. बोपन्ना भी थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब इन चार दोषियों अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक महीने के भीतर अपनी-अपनी क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी. चारों दोषियों के पास यह अंतिम क़ानूनी सहारा बचा है. इसके बाद उनके पास एक संवैधानिक सहारा बचेगा और वह है राष्ट्रपति के पास दया याचिका का.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत में क़ानून के बड़े जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि इस मामले के चारों दोषियों को जल्दी ही फांसी हो जाएगी. इन चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है और अब क्यूरेटिव और दया याचिका ही दो अंतिम विकल्प बाकी बचे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

माना जा रहा है कि इन दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है. निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

परासरन ने बीबीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फांसी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाएगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''मेरे विचार से क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस मामले के दोषियों के पास जो भी क़ानूनी और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन महीनों में समाप्त हो जाएंगे.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

कौशिक यह भी कहते हैं कि अब इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.

बीबीसी के साथ बातचीत में वो कहते हैं, ''जैसे कि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और दया याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

आपराधिक मामलों के वकील विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण अंत होना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो-तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चित हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए.

बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ''मेरे सभी मुवक्किलों को सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए. वो ग़रीब हैं और उन्हें एक मौक़ा मिलना चाहिए कि वो भी देश के अच्छे नागरिक के तौर पर ख़ुद को साबित कर सकें.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चारों अपराधी, मुकेश, अक्षय, पवन और विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इससे पहले 13 सितंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.

इसके बाद 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उस समय जिस बेंच ने वह पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की थी उसके अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा थे. उन्होंने इस घटना को 'सदमे की सुनामी' बताया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अपने लंबे चौड़े फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपराधियों के बर्ताव को जानवरों जैसा बताया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि ये पूरा मामला ही किसी दूसरी दुनिया में घटित हुआ जहां मानवता के साथ बर्बरता की जाती है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.

एक अन्य अपराधी जो घटना के वक़्त नाबालिग़ साबित हुआ था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. इस अपराधी का नाम ज़ाहिर नहीं किया जा सकता. इसे अगस्त 2013 में तीन साल सुधारगृह में बिताने की सज़ा सुनाई गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब यह अपराधी व्यस्क हो चुका है, लेकिन तय नियमों के अनुसार उन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है. अब वो एक चैरिटी संस्था के साथ है क्योंकि बाहर उन्हें सुरक्षा का ख़तरा बना हुआ है.

देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का केस अब लगभग पूरा होने वाला है. इन चारों पर गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.'' इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और ए.एस. बोपन्ना भी थे.

अब इन चार दो अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक मषियों अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक महीने के भीतर अपनी-अपनी क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी. चारों दोषियों के पास यह अंतिम क़ानूनी सहारा बचा है. इसके बाद उनके पास एक संवैधानिक सहारा बचेगा और वह है राष्ट्रपति के पास दया याचिका का.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत में क़ानून के बड़े जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि इस मामले के चारों दोषियों को जल्दी ही फांसी हो जाएगी. इन चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है और अब क्यूरेटिव और दया याचिका ही दो अंतिम विकल्प बाकी बचे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

माना जा रहा है कि इन दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है. निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.

पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

परासरन ने बीबीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फांसी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाएगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''मेरे विचार से क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस मामले के दोषियों के पास जो भी क़ानूनी और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन महीनों में समाप्त हो जाएंगे.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

कौशिक यह भी कहते हैं कि अब इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बीबीसी के साथ बातचीत में वो कहते हैं, ''जैसे कि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और दया याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

आपराधिक मामलों के वकील विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण अंत होना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो-तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चित हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ''मेरे सभी मुवक्किलों को सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए. वो ग़रीब हैं और उन्हें एक मौक़ा मिलना चाहिए कि वो भी देश के अच्छे नागरिक के तौर पर ख़ुद को साबित कर सकें.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चारों अपराधी, मुकेश, अक्षय, पवन और विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इससे पहले 13 सितंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.

इसके बाद 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उस समय जिस बेंच ने वह पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की थी उसके अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा थे. उन्होंने इस घटना को 'सदमे की सुनामी' बताया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अपने लंबे चौड़े फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपराधियों के बर्ताव को जानवरों जैसा बताया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि ये पूरा मामला ही किसी दूसरी दुनिया में घटित हुआ जहां मानवता के साथ बर्बरता की जाती है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.

एक अन्य अपराधी जो घटना के वक़्त नाबालिग़ साबित हुआ था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. इस अपराधी का नाम ज़ाहिर नहीं किया जा सकता. इसे अगस्त 2013 में तीन साल सुधारगृह में बिताने की सज़ा सुनाई गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब यह अपराधी व्यस्क हो चुका है, लेकिन तय नियमों के अनुसार उन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है. अब वो एक चैरिटी संस्था के साथ है क्योंकि बाहर उन्हें सुरक्षा का ख़तरा बना हुआ है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का केस अब लगभग पूरा होने वाला है. इन चारों पर गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.'' इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और ए.एस. बोपन्ना भी थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अब इन चार दोषियों अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक महीने के भीतर अपनी-अपनी क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी. चारों दोषियों के पास यह अंतिम क़ानूनी सहारा बचा है. इसके बाद उनके पास एक संवैधानिक सहारा बचेगा और वह है राष्ट्रपति के पास दया याचिका का.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत में क़ानून के बड़े जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि इस मामले के चारों दोषियों को जल्दी ही फांसी हो जाएगी. इन चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है और अब क्यूरेटिव और दया याचिका ही दो अंतिम विकल्प बाकी बचे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

माना जा रहा है कि इन दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है. निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.

पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

परासरन ने बीबीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फांसी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाएगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''मेरे विचार से क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस मामले के दोषियों के पास जो भी क़ानूनी और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन महीनों में समाप्त हो जाएंगे.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

कौशिक यह भी कहते हैं कि अब इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.

बीबीसी के साथ बातचीत में वो कहते हैं, ''जैसे कि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और दया याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

आपराधिक मामलों के वकील विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण अंत होना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो-तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चित हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए.

बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ''मेरे सभी मुवक्किलों को सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए. वो ग़रीब हैं और उन्हें एक मौक़ा मिलना चाहिए कि वो भी देश के अच्छे नागरिक के तौर पर ख़ुद को साबित कर सकें.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

चारों अपराधी, मुकेश, अक्षय, पवन और विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इससे पहले 13 सितंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.

इसके बाद 5 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम

Thursday, December 19, 2019

नागरिकता क़ानून: पाकिस्तान ने कहा, हिंदुओं की आबादी घटी नहीं, बढ़ी है

भारत की संसद ने अपने तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए ग़ैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों को नागरिकता प्रदान करने वाला एक विवादास्पद विधेयक पारित किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इसके तहत भारत में अवैध रूप से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अगर यह साबित कर सकते हैं कि वो पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से आए हैं तो वे नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत सरकार का तर्क है कि इन तीन देशों में अल्पसंख्यकों की संख्या में लगातार कमी आ रही है और वे मज़हब के आधार पर उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

संसद में इसे भेदभावपूर्ण बताते हुए इसकी आलोचना की गई क्योंकि यह इन देशों के अन्य अल्पसंख्यक समूहों को नागरिकता नहीं प्रदान करेगा.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अमित शाह ने 9 दिसंबर को लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए क्या कहा था -मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

"1950 में दिल्ली में नेहरू लियाक़त समझौता हुआ और इससे ये सुनिश्चित किया गया कि दोनों देश अपने-अपने देशों में अल्पसंख्यकों को खयाल रखेंगे. लेकिन ऐसा हुआ नहीं और ये समझौता धरा का धरा रह गया. पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश में राज्यधर्म इस्लाम है और इस तरह से वहाँ हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अल्पसंख्यक हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

1947 में पाकिस्तान के अंदर अल्पसंख्यकों की आबादी 23 प्रतिशत थी और साल 2011 में 23 प्रतिशत से कम होकर 3.7 प्रतिशत रह गई."मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान जारी कर इस दावे को ग़लत और बेबुनियाद बताया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

विदेश मंत्रालय ने कहा, "1941 की जनगणना के आंकड़े देखेंगे तो साफ़ पता चलेगा कि भारत ने जानबूझकर और शरारतपूर्ण तरीके से 1947 के विभाजन और 1971 में पूर्वी पाकिस्तान (आज के बांग्लादेश) के दौरान बड़े पैमाने पर हुए विस्थापन का ज़िक्र नहीं किया है. इन दोनों घटनाओं का पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी के प्रतिशत पर असर पड़ा है."मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बयान में कहा गया है, "पाकिस्तान में 1951 की पहली जनगणना के मुताबिक पश्चिमी पाकिस्तान (आज के पाकिस्तान) में अल्पसंख्यकों की तादाद कुल आबादी का 3.1 प्रतिशत थी, जो 1998 तक बढ़ते हुए 3.71 प्रतिशत तक पहुंची. अलग-अलग जनगणनाओं में भी पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 1961 की दूसरी जनगणना में अल्पसंख्यक आबादी 2.96 प्रतिशत थी, 1971 की जनगणना में 3.25 प्रतिशत, 1981 में 3.33 प्रतिशत और साल 1998 में हुई पाँचवीं जनगणना में 3.72 प्रतिशत पहुँच गई थी."मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा कि 1998 की जनगणना के आंकड़े ये भी बताते हैं कि पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी 1951 में 1.5 प्रतिशत थी जो 1998 में बढ़कर तकरीबन 2 प्रतिशत हो गई.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पाकिस्तान की सरकार ने भारत के नागरिकता संशोधन विधेयक पर ऐतराज़ जताया था. प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने ट्विटर पर लिखा कि ये विधेयक अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के सारे मानदंडों का उल्लंघन करता है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इमरान ख़ान ने विधेयक के लोकसभा से पारित होने के बाद ट्विटर पर लिखा था, "हम भारत के इस विधेयक की सख़्त निंदा करते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के सारे मानदंडों और पाकिस्तान सरकार के साथ द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन करता है. ये आरएसएस के हिंदू राष्ट्र की योजना का हिस्सा है जिसे फ़ासीवादी मोदी सरकार बढ़ा रही है."मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अमित शाह के बयान पर बांग्लादेश को एतराज़मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी बोले, 'होली-दिवाली से भी बड़ा दिन'मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ एक आईपीएस अधिकारी का त्यागपत्रमुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

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भारत की संसद ने अपने तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए ग़ैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों को नागरिकता प्रदान करने वाला एक विवादास्पद विधेयक पारित किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इसके तहत भारत में अवैध रूप से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अगर यह साबित कर सकते हैं कि वो पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से आए हैं तो वे नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत सरकार का तर्क है कि इन तीन देशों में अल्पसंख्यकों की संख्या में लगातार कमी आ रही है और वे मज़हब के आधार पर उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

संसद में इसे भेदभावपूर्ण बताते हुए इसकी आलोचना की गई क्योंकि यह इन देशों के अन्य अल्पसंख्यक समूहों को नागरिकता नहीं प्रदान करेगा.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अमित शाह ने 9 दिसंबर को लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए क्या कहा था -मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

"1950 में दिल्ली में नेहरू लियाक़त समझौता हुआ और इससे ये सुनिश्चित किया गया कि दोनों देश अपने-अपने देशों में अल्पसंख्यकों को खयाल रखेंगे. लेकिन ऐसा हुआ नहीं और ये समझौता धरा का धरा रह गया. पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश में राज्यधर्म इस्लाम है और इस तरह से वहाँ हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अल्पसंख्यक हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

1947 में पाकिस्तान के अंदर अल्पसंख्यकों की आबादी 23 प्रतिशत थी और साल 2011 में 23 प्रतिशत से कम होकर 3.7 प्रतिशत रह गई."मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान जारी कर इस दावे को ग़लत और बेबुनियाद बताया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

विदेश मंत्रालय ने कहा, "1941 की जनगणना के आंकड़े देखेंगे तो साफ़ पता चलेगा कि भारत ने जानबूझकर और शरारतपूर्ण तरीके से 1947 के विभाजन और 1971 में पूर्वी पाकिस्तान (आज के बांग्लादेश) के दौरान बड़े पैमाने पर हुए विस्थापन का ज़िक्र नहीं किया है. इन दोनों घटनाओं का पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी के प्रतिशत पर असर पड़ा है."मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बयान में कहा गया है, "पाकिस्तान में 1951 की पहली जनगणना के मुताबिक पश्चिमी पाकिस्तान (आज के पाकिस्तान) में अल्पसंख्यकों की तादाद कुल आबादी का 3.1 प्रतिशत थी, जो 1998 तक बढ़ते हुए 3.71 प्रतिशत तक पहुंची. अलग-अलग जनगणनाओं में भी पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 1961 की दूसरी जनगणना में अल्पसंख्यक आबादी 2.96 प्रतिशत थी, 1971 की जनगणना में 3.25 प्रतिशत, 1981 में 3.33 प्रतिशत और साल 1998 में हुई पाँचवीं जनगणना में 3.72 प्रतिशत पहुँच गई थी."मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा कि 1998 की जनगणना के आंकड़े ये भी बताते हैं कि पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी 1951 में 1.5 प्रतिशत थी जो 1998 में बढ़कर तकरीबन 2 प्रतिशत हो गई.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पाकिस्तान की सरकार ने भारत के नागरिकता संशोधन विधेयक पर ऐतराज़ जताया था. प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने ट्विटर पर लिखा कि ये विधेयक अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के सारे मानदंडों का उल्लंघन करता है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इमरान ख़ान ने विधेयक के लोकसभा से पारित होने के बाद ट्विटर पर लिखा था, "हम भारत के इस विधेयक की सख़्त निंदा करते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के सारे मानदंडों और पाकिस्तान सरकार के साथ द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन करता है. ये आरएसएस के हिंदू राष्ट्र की योजना का हिस्सा है जिसे फ़ासीवादी मोदी सरकार बढ़ा रही है."मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अमित शाह के बयान पर बांग्लादेश को एतराज़मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी बोले, 'होली-दिवाली से भी बड़ा दिन'मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ एक आईपीएस अधिकारी का त्यागपत्रमुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

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Friday, December 13, 2019

असमः नागरिकता संशोधन विधेयक को मंज़ूरी के बाद भूख हड़ताल

भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को मंज़ूरी दिए जाने के बाद गुवाहाटी में सैकड़ों लोगों ने सामूहिक भूख हड़ताल शुरू कर दी है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

धुंध के बावजूद शहर के चांदमारी मैदान में सुबह छह बजे से ही लोगों का आना शुरू हो गया था. सुबह सात बजते ही लोग यहां बाकायदा भूख हड़ताल पर बैठ गए थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इस भूख हड़ताल का आह्वान ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने किया है लेकिन इसमें कई अन्य संगठनों के लोग भी शामिल हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भूख हड़ताल का नेतृत्व आसू प्रमुख समुज्जल भट्टाचार्य कर रहे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

उन्होंने पत्रकारों से कहा, "राष्ट्रपति संविधान के कस्टोडियन (रक्षक) होते हैं. हमें उम्मीद थी कि वो संवैधानिक प्रावधानों का ख़्याल रखते हुए इस विधेयक को मंज़ूरी नहीं देंगे लेकिन उन्होंने रात में ही कैब को मंज़ूरी दी. इसका हमें दुख है.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भट्टाचार्य ने कहा, "हम कैब को नहीं मानते हैं और कभी नहीं मानेंगे, भले ही इसे राष्ट्रपति की मंज़ूरी मिल गई हो. कोई भी सरकार हम पर अपना क़ानून जबरन नहीं थोप सकती है. असम के लोग इसके ख़िलाफ़ हैं और हमारा नारा है: कैब आमी ना मानू, ना मानू ना मानू. हमें कैब किसी क़ीमत पर मंज़ूर नहीं है. हम इसका प्रजातांत्रिक तरीक़े से विरोध करते रहेंगे.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

इस बीच डिब्रूगढ़ जिले में चाबुआ के बीजेपी विधायक के घर में प्रदर्शनकारियों ने बुधवार शाम आग लगा दी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

लोगों ने राज्य सरकार के मंत्री रंजीत दत्ता के सोनितपुर स्थित घर और सूटा की बीजेपी विधायक पद्मा हज़ारिका और बिहुपूरिया के विधायक देबानंद हज़ारिका के घरों में भी तोड़फोड़ की.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

डिब्रूगढ़ और गोलाघाट जिले में कई जगहों पर आरएसएस और बीजेपी के दफ़्तरों पर हमले किए गए हैं.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

असम के चर्चित एक्टिविस्ट और कृषक मुक्ति संग्राम समिति के नेता अखिल गोगोई को भी पुलिस ने बुधवार जोरहाट में गिरफ़्तार कर लिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पुलिस के प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि अखिल गोगोई को निरोधक कार्रवाई के तहत गिरफ़्तार किया गया.

अपनी गिरफ़्तारी से पहले वे जोरहाट के डीसी दफ्तर के बाहर हुए प्रदर्शन में शामिल थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत के कई हिस्सों में ख़ासकर पूर्वोत्तर राज्यों में नागरिकता संशोधन क़ानून का ज़ोरदार विरोध हो रहा है. इससे पहले गुवाहाटी में कैब का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस की झड़प में दो लोगों की मौत हो गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

गुरुवार को शहर में कर्फ़्यू के बावजूद हज़ारों लोग जगह-जगह सड़कों पर निकल पड़े थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

राज्य के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने बीबीसी संवाददाता को बताया कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों के सामने बातचीत के लिए संदेश भेजा है. मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति की अपील की है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बीबीसी को दिए एक ख़ास इंटरव्यू में सोनोवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने कहा है कि हमारी सरकार असम के लोगों की पहचान की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

हमारे बीच कोई भ्रम नहीं होना चाहिए. लेकिन, हमें कुछ समय दें ताकि हम साथ मिलकर इस मामले का शांतिपूर्ण हल निकाल सकें."मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

असम के चर्चित एक्टिविस्ट और कृषक मुक्ति संग्राम समिति के नेता अखिल गोगोई को भी पुलिस ने बुधवार जोरहाट में गिरफ़्तार कर लिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पुलिस के प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि अखिल गोगोई को निरोधक कार्रवाई के तहत गिरफ़्तार किया गया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अपनी गिरफ़्तारी से पहले वे जोरहाट के डीसी दफ्तर के बाहर हुए प्रदर्शन में शामिल थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत के कई हिस्सों में ख़ासकर पूर्वोत्तर राज्यों में नागरिकता संशोधन क़ानून का ज़ोरदार विरोध हो रहा है. इससे पहले गुवाहाटी में कैब का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस की झड़प में दो लोगों की मौत हो गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

गुरुवार को शहर में कर्फ़्यू के बावजूद हज़ारों लोग जगह-जगह सड़कों पर निकल पड़े थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

राज्य के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने बीबीसी संवाददाता को बताया कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों के सामने बातचीत के लिए संदेश भेजा है. मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति की अपील की है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बीबीसी को दिए एक ख़ास इंटरव्यू में सोनोवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने कहा है कि हमारी सरकार असम के लोगों की पहचान की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

हमारे बीच कोई भ्रम नहीं होना चाहिए. लेकिन, हमें कुछ समय दें ताकि हम साथ मिलकर इस मामले का शांतिपूर्ण हल निकाल सकें."मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

असम के चर्चित एक्टिविस्ट और कृषक मुक्ति संग्राम समिति के नेता अखिल गोगोई को भी पुलिस ने बुधवार जोरहाट में गिरफ़्तार कर लिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पुलिस के प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि अखिल गोगोई को निरोधक कार्रवाई के तहत गिरफ़्तार किया गया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अपनी गिरफ़्तारी से पहले वे जोरहाट के डीसी दफ्तर के बाहर हुए प्रदर्शन में शामिल थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत के कई हिस्सों में ख़ासकर पूर्वोत्तर राज्यों में नागरिकता संशोधन क़ानून का ज़ोरदार विरोध हो रहा है. इससे पहले गुवाहाटी में कैब का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस की झड़प में दो लोगों की मौत हो गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

गुरुवार को शहर में कर्फ़्यू के बावजूद हज़ारों लोग जगह-जगह सड़कों पर निकल पड़े थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

राज्य के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने बीबीसी संवाददाता को बताया कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों के सामने बातचीत के लिए संदेश भेजा है. मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति की अपील की है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बीबीसी को दिए एक ख़ास इंटरव्यू में सोनोवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने कहा है कि हमारी सरकार असम के लोगों की पहचान की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

हमारे बीच कोई भ्रम नहीं होना चाहिए. लेकिन, हमें कुछ समय दें ताकि हम साथ मिलकर इस मामले का शांतिपूर्ण हल निकाल सकें."मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

असम के चर्चित एक्टिविस्ट और कृषक मुक्ति संग्राम समिति के नेता अखिल गोगोई को भी पुलिस ने बुधवार जोरहाट में गिरफ़्तार कर लिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

पुलिस के प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि अखिल गोगोई को निरोधक कार्रवाई के तहत गिरफ़्तार किया गया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

अपनी गिरफ़्तारी से पहले वे जोरहाट के डीसी दफ्तर के बाहर हुए प्रदर्शन में शामिल थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

भारत के कई हिस्सों में ख़ासकर पूर्वोत्तर राज्यों में नागरिकता संशोधन क़ानून का ज़ोरदार विरोध हो रहा है. इससे पहले गुवाहाटी में कैब का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस की झड़प में दो लोगों की मौत हो गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

गुरुवार को शहर में कर्फ़्यू के बावजूद हज़ारों लोग जगह-जगह सड़कों पर निकल पड़े थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

राज्य के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने बीबीसी संवाददाता को बताया कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों के सामने बातचीत के लिए संदेश भेजा है. मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति की अपील की है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

बीबीसी को दिए एक ख़ास इंटरव्यू में सोनोवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने कहा है कि हमारी सरकार असम के लोगों की पहचान की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

हमारे बीच कोई भ्रम नहीं होना चाहिए. लेकिन, हमें कुछ समय दें ताकि हम साथ मिलकर इस मामले का शांतिपूर्ण हल निकाल सकें."मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह

Wednesday, December 4, 2019

北约成立70年: 老兵遇到新情况 未来叵测

北大西洋公约(NATO,简称北约)成立70周年,这个重大历史时刻悄然而来,悄然而去,十分低调。

BBC外交事务记者马库斯说,北约29国首脑本周(12月3-4日)聚集在伦敦北郊开会,但北约发言人尽力避免使用“峰会”这个词,理由是去年刚开过正式的峰会,而今年只是领导人碰个头,交换一下意见,最后也不发布正式公告。

考虑到许多北约的支持者一直坚持认为这个组织是历史上最卓有成效的军事组织,而近年来组织内一些主要成员如美国、法国和土耳其都对它提出批评,还出现内讧局面,再加上英国脱欧,北约70大寿如此低调,就显得耐人寻味。

1949年,二战的创伤仍未愈合,东西两大阵营刚开始冷战,北大西洋公约组织应运而生,作为西方国家的政治、军事联盟,共同护卫成员国的国防安全。

北约创立之初,成员包括美国、加拿大和10个欧洲国家。它的宗旨是遏制苏联。

苏联是第二次世界大战的战胜国之一。战后几年,大量苏联军队仍留在东欧,莫斯科在很大程度上掌控着东欧社会主义阵营的国家,包括东德。

1945年二战结束后,德国首都柏林曾有一段时间由战胜国分片占领、控制。柏林位于东德,而东德在苏联控制区。

1948年6月,美英法等六国外在伦敦共同提出“伦敦建议”,核心是将这三国在德国的占领区合并建制,成立联邦德国。这三国宣布西方占领区实行单方面货币改革,发行马克作为流通货币。

莫斯科随即对西占区实行封锁,切断西占区与柏林的水陆交通和货运,只保留三条走廊通道。美国通过不间断地大批空运物资打破了封锁,同时对苏占区需要的煤、钢和电实行反封锁。

这是美苏冷战第一次高潮。危机持续了一年,1949年5月,西德建国,数日后苏联解除封锁,危机结束。

这次危机也催生了北约,初始签约国包括美国、加拿大、英国、法国、意大利、挪威、比利时、荷兰、丹麦、葡萄牙、冰岛和卢森堡。1952年,希腊和土耳其加入,1955年西德加入

1999年开始,北约向前东欧阵营国家打开大门,成员国总数达到29个,最新成员是2017年加入的黑山共和国。

根据北大西洋公约,对任何一个成员国的进犯就是对所有成员国的进犯,北约成员将群起共同抗击,我为人人,人人为我。

公约在现实世界的作用是确保欧洲和北美的北约成员国之间关系紧密无间,纽带坚不可摧。

这种纽带关系的安全受到的最大威胁,就是苏联。

但是,跟70年前相比,北约的边界向莫斯科方向推移了1千公里;自1989年东欧社会主义阵营解体后,前苏联的东欧盟国都加入了北约。

Monday, November 25, 2019

香港区议会选举民主派大胜 但僵局能被打破吗

香港2019区议会选举结果正式出炉。在逾71%破纪录投票率下,香港地区政治版图出现翻天覆地的变化,民主派合共取得388席,比以往增加263席,18区中有17区由民主派取得过议席,民主党一跃成为最大党,多区均出现多名年轻的政治素人当选。建制派只有59席,比上届大减240席,许多资深议员和大将均宣告败选。

香港民主派认为有关结果是“变相公投”,反映市民强烈希望政府回应示威浪潮的“五大诉求”,建制派则认为,区议会已不能只靠地区民生工作,会作出深切检讨。香港行政长官林郑月娥25日早晨表示,特区政府一定会虚心聆听市民的意见,并“认真反思”。

这是主权移交以来,民主派在区选中获得的最佳成绩,但如果按票数划分,民主派和建制派获得的票数约为57%比41%,与传统意义上两个阵营票数约“六四比”的状况类似,两者差距约40多万张选票。

虽然多个建制派大将落败,但其实质票数普遍有增幅,即保住基本票源外,这次示威也激发到一些原本投票意欲不高,但反对示威暴力及堵路的人支持。

示威浪潮激发了民主派的动员能力,在“和勇不分(即和平与激进示威者不割席)”、“兄弟爬山、各自努力”的前题下,票源没有大幅度分散,仅少数出现撞区令建制派获利的情况。下年举行的香港立法会选举,民主派能否团结一致,不像以往在多区出现竞争,以及能否继续在反修例风波后维持票源,是民主派面对的挑战。

区议会选举结果的历史性改变还意味着,民主派有可能在未来香港特首选举有更大话语权。在1200人组成可以选特首的香港选举委员会中,有117席是由区议员担任,过往因为建制派垄断区议会,这117席一直由建制派区议员担任,如果民主派最终夺得这百多席, 连同民主派本身在选举委员会中的340多席,如今可能在委员会有约460席,占超过三分之一。

中国全国港澳研究会副会长刘兆佳认为,今次结果不能够改变现时的政治僵局,就算民主派全取选委会议席,特首选举的主导权仍然在中央手中。他亦指出,2003年民主派也在区议会多区获得过半议席,但并没有影响建制派之后的立法会选举形势。

香港教育大学香港研究学院副教授方保恒说,在2012年特首选战中,当选人梁振英仅仅得689票当选,落败的唐英年获得285票,唐被视为与香港本地资本关系密切的候选人,且获得首富李嘉诚公开支持, 方保恒认为,如果民主派和本地资本势力结盟,就随时有足够票数自行决定特首人选。

“北京要避免出现这种‘政变’,恐怕只能重新统战本地资本……北京与本地代理人的关系从来复杂,香港仍是中共无法完全控制的境外地区,”方保恒说,“短期就看林郑月娥会否被快速撤换,由与本地资本关系紧密的人取代。”

香港示威者近月倾向更激进示威,曾发起“三罢(罢工、罢课、罢市)”大规模堵塞交通和暴力升级,香港中文大学政治与行政学系高级讲师蔡子强对BBC中文说,结果让北京和香港政府了解到,社会对运动支持度仍然相当高,并没有慢慢消退,中央和特区政府一直未能有效回应民意,只是强调“止暴制乱”,造成市民逆反,如果继续在这问题上采取“拖字诀”,是不能够解决问题。

他认为,民主派获得大多数议席,对“反修例运动”有正面影响,因为社运人士难以持续不上班、以义务性质投入运动,区议会提供了资源,包括议员薪水、办事处及地区网络等,可以用作支援运动的发展,但这亦意味着,民主派靠拢更激烈抗争路线,以往提倡温和妥协、与北京沟通的路线难以复再。

BBC记者乔纳森·赫德(Jonathan Head)分析认为,除非政府回应示威者诉求,示威浪潮将会继续,在选举翌日,仍然有人在香港中环高叫“五大诉求,缺一不可”的口号,而防暴警员似员不太肯定自己可以多强硬,亦有新当选的议员到访理工大学,去声援仍然被包围的示威者。

虽然特首林郑月娥说会认真反思市民的不满,但乔纳森·赫德说,要中国同意她才能够作出让步,北京可能会希望用一些没有那么争议的人取代她的职位。香港的反对派仍然遇到挑战,新一批的年轻区议员要回应本土议题,不是单纯追求民主,要思考如何更有效地合作去争取中央政府的让步。

Thursday, November 21, 2019

दुनिया में कहां लोग खाते हैं सबसे ज़्यादा चीनी

नामचीन मेडिकल जर्नल लैंसेट में ग्लोबल बर्डन ऑफ डिज़ीज़-2019 की एक स्टडी प्रकाशित हुई. इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने को इसराइली मीडिया में काफी सेलिब्रेट किया गया.

दरअसल, इस स्टडी में दुनिया भर के 195 देशों के स्वास्थ्य आंकड़ों के विश्लेषण शामिल होते हैं. इस स्टडी से यह जाहिर हुआ है कि इसराइल दुनिया का वैसा देश है जहां खान पान से होने वाली मौतों की दर सबसे कम होती है.

इसके बाद दुनिया भर में ऐसे आलेख लिखे गए जिसमें लोगों को इसराइली लोगों की तरह खाने के लिए प्रोत्साहित किया गया.

लेकिन अगर आप ऐसा करते हैं तो फिर दुनिया के किसी भी देश के नागरिक की तुलना में औसतन ज्यादा चीनी का इस्तेमाल करेंगे.

2018 में, इसराइल में प्रति व्यक्ति चीनी की खपत 60 किलोग्राम से ज्यादा थी, यानी औसतन प्रति व्यक्ति रोजाना 165 ग्राम से ज्यादा चीनी.

बीबीसी ने इंटरनेशनल शुगर आर्गेनाइजेशन (आईएसओ) से जो आंकड़े हासिल किए हैं उसके मुताबिक यह दुनिया में सबसे ज्यादा चीनी की खपत है.

इसराइली नेशनल काउंसिल ऑफ डायबिटीज के प्रमुख और दुनिया भर में डायबिटीज़ के एक्सपर्ट के तौर पर जाने जाने वाले प्रोफेसर इटामार राज बताते हैं, "इसराइल में औसत वयस्क हर दिन 30 चम्मच से ज्यादा चीनी खाता है- यह आपदा से कम नहीं है."

सबसे ज्यादा चीनी खाने वाले पांच देशों में इसराइल के बाद मलेशिया, बारबेडोस, फिजी और ब्राजील का नंबर आता है.

वहीं दूसरी ओर, दुनिया भर में सबसे कम चीनी की खपत उत्तर कोरिया में है, जहां 2018 में प्रति व्यक्ति चीनी की खपत 3.5 किलोग्राम थी. जबकि पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया में यह खपत प्रति व्यक्ति 30.6 किलोग्राम थी.

अमरीका में खान पान के चलते बीमारियों की समस्या भी हैं और वहां इसको लेकर काफी अध्ययन हुए हैं. लेकिन अमरीका में प्रति व्यक्ति चीनी की खपत 31.1 किलोग्राम थी, इसके चलते अमरीका दुनिया भर में चीनी खपत करने वाले शीर्ष 20 देशों में भी शामिल नहीं है.

लेकिन आंकड़ों के हिसाब से चीनी की खपत सबसे ज्यादा भारत में होती है. 2018 में भारत में 25.39 मिलियन मीट्रिक टन चीनी की खपत हुई है, यह यूरोपीयन यूनियन के सभी देशों को मिलाकर चीनी की खपत से कहीं ज्यादा है.

कई बार खपत के आंकड़ों से यह पता नहीं चलता है कि लोग अपने खाने पीने में चीनी का कितना इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके अलावा यह भी समझने की जरूरत है कि जिसे स्वास्थ्य विशेषज्ञ शुगर फ्री कहते हैं उसे तैयार करते वक्त ही उसमें चीनी मिला दी जाती है. इसके अलावा कुछ फूड में चीनी की मात्रा स्वभाविक तौर पर ज्यादा होती हैं, जैसे कि फलों का जूस.

इन सबको जोड़ दें तो दुनिया भर में चीनी की खपत लगातार बढ़ रही है. इंटरनेशनल शुगर आर्गेनाइजेशन के आंकड़ों के मुताबिक 2001 में चीनी की खपत 123.4 मिलियन मीट्रिक टन थी जो 2018 में बढ़कर 172.4 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंच गया है.

लेकिन सवाल यही है कि हम लोग ज्यादा चीनी क्यों खा रहे हैं?

इसकी एक प्रमुख वजह तो यही है कि परंपरागत तौर हमारे शरीर के लिए ऊर्जा के स्रोत के तौर पर चीनी सस्ता और सुलभ है.

अमरीकी फूड एंड एग्रीकल्चरल आर्गेनाइजेशन (एफएओ) के मुताबिक भारत में चीनी, "आम लोगों के इस्तेमाल का जरूरी अवयव और गरीबों के लिए ऊर्जा का सबसे सस्ता स्रोत है."

हाल के दशक में देश भर में चीनी की खपत बढ़ी है. साठ के दशक में देश भर में साल भर में 2.6 मिलियन मिट्रिक टन चीनी की खपत होती थी जो नब्बे के दशक के मध्य में आते आते 13 मिलियन मिट्रिक टन तक बढ़ गया था.

बीते पांच दशकों में हमारे खान पान में प्रोसेड फूड की खपत भी दुनिया भर में बढ़ी है.

अमरीकी कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2012 के शुरुआती महिलों तक दुनिया भर में फूड प्रॉडक्ट की बिक्री में 77 प्रतिशत हिस्सा प्रोस्सेड फूड का है.

प्रोस्सेड फूड का सबसे अहम अवयव होता है चीनी. कई बार स्वाद और कई बार प्रॉडक्ट के इस्तेमाल की अवधि को बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल होता है.

दुनिया भर के कई स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक में वैश्विक मोटापा महामारी की सबसे अहम वजह यह है कि शुगर की खपत रही है.

Monday, October 21, 2019

محمد بن سلمان: كيف تمكن من تولي مقاليد الحكم في السعودية؟

يشرع ولي العهد السعودي محمد بن سلمان في تحديث بلاده الموغلة في المحافظة. لكنه في الوقت نفسه أدخل السعودية في حرب اليمن، وألقى بناشطين في السجن. ويعتقد على نطاق واسع أنه مسؤول عن قتل الصحفي جمال خاشقجي في العام الماضي.

يشرع ولي العهد السعودي الأمير محمد بن سلمان في تغيير بلاده الموغلة في المحافظة وتحديثها.
لكنه في الوقت نفسه أدخل السعودية في حرب اليمن، وألقى بناشطات في مجال حقوق المرأة ورجال دين ومدونين بالسجن.
ويعتقد على نطاق واسع أنه مسؤول عن قتل الصحفي المعارض جمال خاشقجي في اسطنبول في العام الماضي.
فمن هو محمد بن سلمان ؟
تحت شمس حارقة، ينتحي حرس القصر جانبا للسماح بمرور السيارة التي تقلنا من خلال البوابات المحصنة. وقد تطلب أمر ترتيب مقابلة مع ولي العهد ووزير الدفاع آنذاك سلمان بن عبدالعزيز أياما طويلة.

قبل ذلك بعدة سنوات، وفي عام 2004، كان سلمان أمير الرياض عندما هاجم مسلحون فريق بي بي سي الذي كنت أعمل فيه، وأصابوني اصابات جسيمة وقتلوا المصور الإيرلندي سايمون كامبرز. قيل لي أن الأمير سلمان زارني في المستشفى، ولا أتذكر ذلك لأنني كنت في غيبوبة.

أما اليوم، فسلمان هو ملك السعودية وفي صحة معتلة. ومنذ ذلك الحين في عام 2013 لاحظت أنه كان يسند كفه بعصا أثناء جلوسنا على الكراسي الوثيرة في احدى قاعات الاستقبال في القصر الملكي.

كان سلمان قد عاصر تغييرات استثنائية. فخلال عمله كحاكم للرياض لخمسة عقود، رأى المدينة وهي تتحول من بلدة صحراوية بائسة لا يزيد عدد سكانها عن 200 ألف نسمة إلى مدينة يسكنها الآن أكثر من خمسة ملايين.

ولكن خلال تلك المقابلة الصحفية التي أجريتها معه، لم ألحظ إلا بشكل عابر وجود شخص جالس خلفي في الصالة يدوّن بهدوء ما يدور من حديث.

تخيلت، خاطئا، أن هذا الشخص كان سكرتيرا شخصيا لولي العهد. لاحظت أنه طويل القامة وذو بنية ثقيلة وكانت له لحية مصفوفة بعناية. وكان هذا الشخص يرتدي "البشت" السعودي التقليدي المقصب بالذهب، والذي يشير إلى رقي موقع لابسه.

بعد انتهاء المقابلة، عرفت هذا الرجل - مدوّن الملاحظات - بنفسي، وصافحته وسألته عن اسمه.

قال لي "أنا الأمير محمد بن سلمان"، واضاف بخجل "أنا محام، وأنت كنت تتحدث مع أبي".

لم تكن لدي أي فكرة، في ذلك المساء اللاهف الحرارة في جدة، أن هذا الشاب هادئ الكلام وغير المعروف على نطاق واسع سيصبح واحدا من أقوى الزعماء العرب - ومن أكثرهم اثارة للجدل - في السنوات اللاحقة.

في الثاني من تشرين الأول / أكتوبر 2018، دخل جمال خاشقجي مبنى القنصلية السعودية الكائن في حي ليفينت في اسطنبول.

كان خاشقجي، وهو صحفي معروف ومن كبار منتقدي محمد بن سلمان، قد قصد القنصلية من أجل الحصول على وثائق تثبت طلاقه من زوجته.

ولكن ما أن ولج مبنى القنصلية إلا وهجمت عليه قوة من أفراد الأمن والمخابرات أرسلت من الرياض خصيصا لهذا الغرض. وقتل هؤلاء خاشقجي ثم قطّعوا جثته وتخلصوا من الأشلاء بحيث لم يتمكن أحد من العثور عليها.

قتل الآلاف في الحرب الدائرة في اليمن، كثير منهم جراء الغارات التي يشنها الطيران السعودي. كما اختفى المئات من السعوديين الذين ينتقدون سياسات محمد بن سلمان في غياهب السجون. ولكن جريمة اغتيال هذا الصحفي المرموق أدت إلى تغير مواقف الكثيرين في العالم تجاه ولي العهد السعودي.

ورغم النفي السعودي الرسمي، تعتقد وكالات الاستخبارات الغربية أنه على أقل التقديرات كان محمد بن سلمان على علم بعملية اسكات صوت خاشقجي. أما وكالة المخابرات الأمريكية (CIA) فتعتقد إن محمد بن سلمان هو الذي أمر بقتل خاشقجي.

في مقابلة صحفية نشرت في 29 أيلول / سبتمر من هذا العام مع برنامج "60 دقيقة" الذي تبثه قناة CBS، قال محمد بن سلمان إنه "يتحمل المسؤولية الكاملة" عن ما حدث. وكان بن سلمان قد قال في مقابلة صحفية سابقة أجراها مع شبكة PBS الأمريكية إن عملية قتل خاشقجي "جرت تحت سلطته" ولكن هذه الأقوال لا ترقى إلى تحمل المسؤولية المباشرة، وهو أمر ينفيه محمد بن سلمان وحكومته.

من العناصر الرئيسية في هذه الجريمة البشعة وتبعاتها واحد من أقرب المقربين لمحمد بن سلمان، وهو مستشاره السابق، والضابط في القوة الجوية، سعود القحطاني.

كان القحطاني هذا، قبل تنحيته بعد حادثة قتل خاشقي، بأمر من الملك سلمان ، حافظ سر ولي العهد غير الرسمي في البلاط الملكي السعودي

Tuesday, October 8, 2019

Джастин Бибер и редкие коты: как певец разругался с зоозащитниками

Джастин Бибер предложил зоозащитникам из организации PETA "выкусить", после того как те сочли неэтичным покупку им селекционных котят. Активисты считают, что животных надо брать из приютов.

Согласно Hollywood Reporter, канадский певец купил котят породы саванна по кличке "Суши" и "Тунец" за 35 тысяч долларов.

Саванны - помесь домашней кошки и диких котов, африканских сервалов.

Исполнитель хита What do you Mean не поленился завести отдельный аккаунт в "Инстаграме" для кошачьего дуэта.

Зоозащитники из организации "Люди за этичное обращение с животными" (PETA) опасаются, что публичность Бибера приведёт к росту спроса на экзотические виды кошек.

25-летний певец заочно нагрубил сотрудникам PETA и призвал их заниматься "настоящими проблемами" - браконьерством и жестоким обращением с животными.

"Вас бомбит, поскольку я завёл конкретную кошку? Когда я завёл пса Оскара, у вас не пригорело, хотя он и не из питомника... Вообще, почему каждый питомец должен быть приютским", - возмущается звезда.

"Я за то, чтоб забирать дворняжек из приюта, но у всех есть предпочтения в породе, иначе зачем нужны заводчики", - добавил поп-идол.

Однако в PETA уверены, что Бибер мог бы вдохновить фанатов на то, чтобы забирать животных из приёмников, а не рекламировать лишний раз экзотические породы.

В ответ на оскорбления певца активисты призвали его подумать.‎‎

"Миллионы животных гибнут каждый год, поскольку люди не берут из питомников, а покупают любимцев. Избыточная численность домашних животных - настоящая проблема. Вот что печально". ‎‎

Ранее Бибер завёл себе макаку по кличке Оу Джи Молли, которую пытался возить с собой в турне. Однако в Германии ее конфисковали и передали в зоопарк.

У артиста не было ни документации о вакцинации животного, ни разрешения на ввоз.

Германия пригрозила забрать макаку, если хозяин не вернется, что и произошло. В итоге власти Германии выставили Биберу счет на 10 тысяч долларов, потраченные на уход за брошенным животным.

Monday, September 30, 2019

Британский аналог шоу "Куклы" вернется на экраны. У куклы Путина татуировка на животе

Сатирическое кукольное шоу Spitting Image возвращается на британские экраны. Последний его выпуск показали 23 года назад.

В новых сериях программы появятся Дональд Трамп и Владимир Путин. Один из создателей шоу, Роджер Лоу, называет программу "сатирой на службе у общества". "Ситуация в мире довольно хаотичная, и мне кажется, это лучше, чем кричать на телевизор", - говорит он.

Пилотная серия шоу уже отснята. В интернете появились первые фотографии кукол политиков.

Среди них - герцогиня Сассекская Меган в блестящем топе с надписью "Принцесса" и Владимир Путин с татуировкой "Бандитская жизнь" на животе.

Шоу Spitting Image впервые появилось на британских экранах в 1984 году. В те годы предметом сатиры становились в основном рядовые британские политики. Однако теперь концепция изменилась, и героями станут всемирно известные люди.

Роджер Лоу уже объявил, что одним из персонажей будет президент США Дональд Трамп, который, по его словам, "сам является сатирой".

В шоу подтвердили свое участие пародист Люк Кемпнер и карикатурист Адриан Тил, разработавший дизайн кукол.

Шоу Spitting Image выходило 12 лет, с 1984 по 1996 годы. После его снятия с эфира Роджер Лоу подарил все сценарии, рисунки и записи программы Кембриджскому университету.

Friday, September 20, 2019

В полтора раза дороже и на пять лет позже: 5 фактов о новой полосе в Шереметьево

19 сентября в самом большом и загруженном аэропорту России - "Шереметьево" запустили долгожданную третью взлетно-посадочную полосу. Она приняла первый самолет "Аэрофлота" из Санкт-Петербурга.

История проекта не была гладкой - Би-би-си рассказывает ее в пяти фактах.

Полоса задержалась почти на 5 лет
Разговоры о строительстве третьей полосы велись еще 11 лет назад. В начале 2008 года в "Шереметьево" была введена в строй вторая полоса. А уже через полгода тогдашний директор "Аэрофлота" Валерий Окулов говорил на авиационном форуме, что для улучшения пропускной способности аэропорта необходима третья полоса.

Для "Аэрофлота" "Шереметьево" - базовый аэропорт, и ограничения на количество взлетов и посадок не устраивало крупнейшего авиаперевозчика, говорил Окулов.

На тот момент руководство аэропорта говорило о перспективах строительства третьей полосы, однако реальных очертаний проект не имел. Решение о строительстве было принято в 2009 году.

В 2011 году стройподрядчиком полосы выбрали компанию "Трансстрой" (основной владелец на тот момент - "Базэл" Олега Дерипаски). На строительство отводилось около 3,5 года. Но в 2013 стало понятно, что ввод полосы откладывается.

Позже полосу заявляли как необходимую часть инфраструктуры к чемпионату мира по футболу 2018 года. Председатель совета директоров "Шереметьево" Александр Пономаренко рассказывал "Ведомостям", что для аэропорта критически важно, чтобы ВПП-3 была запущена в 2018 году, чтобы аэропорт мог прекратить эксплуатацию сильно изношенной ВПП-1 и начать ее ремонт.

Когда в 2015 году стройка забуксовала, чиновники говорили, что ВПП-3 могут запустить к чемпионату мира в усеченном виде, без одной магистральной и трех дополнительных рулежных дорожек - а достроят их позже. Однако к мундиалю построить полосу также не успели.

Следующий срок ввода полосы, который обозначали строители, был 1 сентября 2019 года. 30 августа аэропорт объявил о том, что ввод в эксплуатацию ВПП-3, изначально намеченный на 1 сентября, переносится на более поздний срок. Причины переноса не уточнили.